ज़ालिम दुनिया ही नहीं
कोई और भी है
खुद प्यार करने वाला
ही बन जाता है
अपने प्यार का दुश्मन
-----------देव------------
कोई और भी है
खुद प्यार करने वाला
ही बन जाता है
अपने प्यार का दुश्मन
फिर भी कहता
ये बात कुछ और है
ये बात कुछ और है
-----------देव------------
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