आज कल वो उदास रहने लगे
जैसे की गर्मी के दिनों में
नदी उदास रहती है
क्यों नहीं समझते तुम्हारी तुलना
मै क्यों नदी से करता हूं
आता है बारिश का मौसम
छम छम बरसता है पानी
फिर वो बहने लगती है अपनी गति से
उसी तरह तुम भी नदी बन जाओ
पर तुम न करो बारिश का इंतज़ार
फिर से खुश हो जाओ तुम
बहने लगो अपनों धारा में
पर ध्यान रहे अपनी मर्यादा
तोड़ न देना बाँधो को
क्यों की उसी राह पर कुछ
लोगो के घर बसते है
तुम अपनी ख़ुशी में
किसी को दुख मत देना
======देव======
आज कल वो उदास रहने लगे
जैसे की गर्मी के दिनों में
नदी उदास रहती है
क्यों नहीं समझते तुम्हारी तुलना
मै क्यों नदी से करता हूं
जैसे की गर्मी के दिनों में
नदी उदास रहती है
क्यों नहीं समझते तुम्हारी तुलना
मै क्यों नदी से करता हूं
आता है बारिश का मौसम
छम छम बरसता है पानी
फिर वो बहने लगती है अपनी गति से
उसी तरह तुम भी नदी बन जाओ
पर तुम न करो बारिश का इंतज़ार
फिर से खुश हो जाओ तुम
बहने लगो अपनों धारा में
पर ध्यान रहे अपनी मर्यादा
तोड़ न देना बाँधो को
क्यों की उसी राह पर कुछ
लोगो के घर बसते है
तुम अपनी ख़ुशी में
किसी को दुख मत देना
======देव======
छम छम बरसता है पानी
फिर वो बहने लगती है अपनी गति से
उसी तरह तुम भी नदी बन जाओ
पर तुम न करो बारिश का इंतज़ार
फिर से खुश हो जाओ तुम
बहने लगो अपनों धारा में
पर ध्यान रहे अपनी मर्यादा
तोड़ न देना बाँधो को
क्यों की उसी राह पर कुछ
लोगो के घर बसते है
तुम अपनी ख़ुशी में
किसी को दुख मत देना
======देव======