अंधेरे कमरे में लगाता है चक्कर
वो भी छत पर लटके पंखे के साथ
उसे कुछ समझ में नही आता
फिर घूम रहा है,
दूर कहीं बिल्लियों की
लड़ने की आवाज भी
उसे एक रहस्यमयी संगीत लगती है
और उसे ये सुनना चाहता है
चक्कर लगाते हुए,
दीवार पड़ा कैलेण्डर
जो शायद दशको से यही टंगा है
उड़ उड़कर निशान बना चुका है
दीवार पर अर्द्धचंन्द्राकार
अचानाक ही होती है
दरवाजे पर दस्तक
और वो जग जाता है
अपने दिवास्वप्न से और रख
छोड़ता है स्वप्न को आगे के लिए
_______________ #देव — feeling ये मत सोचना की मै पगला गया
वो भी छत पर लटके पंखे के साथ
उसे कुछ समझ में नही आता
फिर घूम रहा है,
दूर कहीं बिल्लियों की
लड़ने की आवाज भी
उसे एक रहस्यमयी संगीत लगती है
और उसे ये सुनना चाहता है
चक्कर लगाते हुए,
दीवार पड़ा कैलेण्डर
जो शायद दशको से यही टंगा है
उड़ उड़कर निशान बना चुका है
दीवार पर अर्द्धचंन्द्राकार
अचानाक ही होती है
दरवाजे पर दस्तक
और वो जग जाता है
अपने दिवास्वप्न से और रख
छोड़ता है स्वप्न को आगे के लिए
_______________ #देव — feeling ये मत सोचना की मै पगला गया